भारत के सामने झुका पाकिस्तान, 21 दिन बाद BSF जवान पूर्णम कुमार की घर वापसी

भारत के सामने झुका पाकिस्तान, 21 दिन बाद BSF जवान पूर्णम कुमार की घर वापसी

अटारी-वाघा बॉर्डर पर हुई भावुक मुलाकात | ऑपरेशन सिंदूर की बड़ी सफलता

14 मई 2025 – देश की सुरक्षा में तैनात 182वीं बटालियन के बीएसएफ कांस्टेबल पूर्णम कुमार की देश वापसी ने पूरे देश को भावुक कर दिया है। पाकिस्तान की हिरासत में 21 दिन बिताने के बाद, आज सुबह 10:30 बजे उन्हें अटारी-वाघा बॉर्डर पर भारतीय अधिकारियों को सौंपा गया।

पूर्णम कुमार की गिरफ्तारी और रिहाई की कहानी सिर्फ एक जवान की वापसी नहीं, बल्कि भारत की कूटनीतिक और सैन्य मजबूती की जीत है। #OperationSindoor के तहत भारतीय एजेंसियों द्वारा किए गए रणनीतिक दबाव और सटीक कार्रवाई के आगे आखिरकार पाकिस्तान को झुकना पड़ा।

कैसे हुई वापसी? जानकारी के अनुसार, पूर्णम कुमार गलती से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर पाकिस्तान में दाखिल हो गए थे, जहां उन्हें पाकिस्तानी रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया। इसके बाद 21 दिनों तक पाकिस्तान की हिरासत में रहते हुए भारतीय दूतावास और रक्षा मंत्रालय ने उनकी रिहाई के लिए लगातार प्रयास किए।

अटारी बॉर्डर पर भावुक पल: जब जवान पूर्णम कुमार को अटारी-वाघा बॉर्डर पर भारतीय अधिकारियों को सौंपा गया, तो वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों और अफसरों की आंखें नम हो गईं। तिरंगे के नीचे लौटते हुए जवान का चेहरा गर्व और राहत से भरा हुआ था।

भारत की दृढ़ रणनीति: विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान ने यह रिहाई भारत के कूटनीतिक दबाव और सीमावर्ती मोर्चे पर बढ़ती ताकत के चलते की। पिछले कुछ दिनों से सीमा पर भारत की स्थिति बेहद सख्त रही है, जिससे पाकिस्तान की हठधर्मिता टूट गई।

देशभर में खुशी की लहर: जैसे ही पूर्णम कुमार की वापसी की खबर सामने आई, सोशल मीडिया पर #BSF, #AtariBorder और #OperationSindoor ट्रेंड करने लगे। लोगों ने देश के जवान को सलाम किया और सरकार के प्रयासों की सराहना की।

यह सिर्फ एक जवान की वापसी नहीं, बल्कि भारत की ताकत, उसके संकल्प और उसके जवानों के प्रति अटूट समर्पण का प्रमाण है।


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