अतिक्रमण के कारण मिट रहा है कतरास हटिया का अस्तित्व, लोगों ने बनाये मकान, दुकान व स्कूल



कतरास: 01-06-2025
धनबाद जिला के बाघमारा में स्थित कतरास का साप्ताहिक हटिया 100 वर्षों से भी अधिक पुराना बताया जाता है। हटिया हर रविवार को लगा करता है। बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि एक समय था जब कतरास हटिया के साप्ताहिक बाजार में आलपिन से लेकर गाय, भैंस और ऊंट तक बिका करता था। इसके अलावे बकरी, भेड़, कबूतर, मुर्गी, हंस, कपड़ा, साग सब्जी, नाश्ता पानी की कई दुकानें, जूता, चप्पल, राशन पानी का सामान, सहित लगभग वो सारे सामान हटिया में बिका करता था जो लोगों को दैनिक जीवन में उपयोग में आते थे। हटिया के नाम से 5 एकड़ से अधिक जमीन मौजूद थी जिस पर एक बड़ा सा हटिया लगा करता था। दूर दराज से लोग आकर हटिया में अपना दुकान लगाते थे। जिससे कतरास का बाजार भी गर्म रहता था। लेकिन पिछले 10-12 वर्षों में हटिया का नजारा पूर्ण रूप से बदल गया है। कुछ दबंग किस्म के लोगों ने हटिया की सरकारी जमीन पर चारों ओर से अतिक्रमण कर कब्जा करना शुरू कर दिया। जिसका परिणाम यह हुआ कि हटिया का क्षेत्रफल धीरे-धीरे कम होता चला गया। अब केवल नाम मात्र का हटिया रविवार को लगता है। 
स्थानीय दबंग मोटी रकम लेकर कराता है हटिया की सरकारी जमीन पर कब्जा, धीरे धीरे हो जाता है पक्का निर्माण
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोई स्थानीय दबंग व्यक्ति ही अपनी इधर-उधर की पहुंच की बात कर लोगों से मोटी रकम लेता है और हटिया की सरकारी जमीन को कब्जा करवाता है। बाद में उस जमीन पर पक्का निर्माण कर मकान, दुकान आदि बना लिए जाते हैं। प्रशासन और निगम की सुस्ती के कारण अवैध निर्माण पर आज तक कार्रवाई नही हुई।कई बार प्रशासन और नगर निगम अवैध निर्माण को लेकर रेस में दिखे लेकिन फिर किसी कारणवश सुस्त पड़ गए। अनुभवी लोगों की माने तो स्थानीय दबंग व्यक्ति कुछ भ्रष्ट अधिकारियों को लक्ष्मी के मोह माया जाल में फंसा देता है, जिससे आगे की कार्रवाई में जंग लग जाता है। अगर हटिया के अस्तित्व को लेकर सरकारी विभाग के साथ-साथ कतरास के आम जनमानस और प्रबुद्धजीवी वर्ग के लोग सामने नहीं आते हैं, तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि आने वाले कुछ वर्षों में हटिया का नामोनिशान मिट जाएगा। यहां हटिया में छोटे मोटे रोजगार कर। घर परिवार चला रहे लोगों की रोजगार छीन ली जाएगी और पूरे हटिया में दबंग तबके के लोगों का कब्जा हो जाएगा।

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