तीन दिन का आतंक खत्म: रेबीज़ ग्रसित सांड ने सड़क पर मचाया हड़कंप, आधा दर्जन लोग घायल — आखिरकार पकड़ा गया
दुलाल मुखर्जी| POWER NEWS 24 BHARAT
बिलासपुर/छत्तीसगढ़: बिलासपुर शहर में पिछले तीन दिनों से एक रेबीज़ ग्रसित सांड ने ऐसा आतंक मचा दिया कि पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई।
शनिचरी से चांटीडीह जाने वाले रपटा पुल के आसपास यह सांड लगातार तीन दिनों तक राहगीरों पर हमला करता रहा।
इस दौरान आधा दर्जन लोग घायल हो गए। नगर निगम के दावों के बावजूद तीन दिनों तक यह सांड सड़कों पर बेखौफ घूमता रहा और लोगों को घायल करता रहा।
तीन दिनों तक सड़क पर मचा रहा उत्पात
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह सांड अचानक सड़क पर निकल आता और सामने से गुजरने वाले लोगों पर झपट्टा मार देता। कई वाहन चालक अपनी बाइक और साइकिल सड़क किनारे छोड़कर भाग खड़े हुए। शनिवार से सोमवार तक सांड अरपा नदी के पुल के नीचे छिपा रहा और मंगलवार की सुबह अचानक बाहर निकलकर मुख्य मार्ग पर पहुंच गया। उसने आते ही दोबारा लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया, जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
गौसेवकों ने दिखाई हिम्मत, आखिरकार पकड़ा गया नंदी
घटना की जानकारी मिलते ही बिलासपुर गौ सेवा धाम के गौसेवक विपुल शर्मा को सूचना दी गई।
उन्होंने तुरंत अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया।
गौसेवक गोपाल कृष्ण, शुभम साहू, शत्रुघन यादव, पप्पू शर्मा और नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारी भी मौके पर पहुंचे।
काफी मशक्कत के बाद, टीम ने काऊ कैचर और रस्सों की मदद से सांड को घेरकर काबू में किया।
अभियान के दौरान सांड बार-बार झपट्टा मारने की कोशिश करता रहा, लेकिन टीम ने सूझबूझ और साहस का परिचय देते हुए उसे सुरक्षित पकड़ लिया। इसके बाद सांड को नगर निगम के गौठान स्फ़ीट भेजा गया।
रेबीज़ पर डॉक्टरों की चेतावनी
पशु चिकित्सकों के अनुसार, यह सांड रेबीज़ संक्रमण से पीड़ित था।
डॉक्टरों ने बताया कि रेबीज़ एक अत्यंत घातक वायरस है जो संक्रमित जानवर के काटने या लार के संपर्क से फैलता है।
लक्षण प्रकट होने के बाद इसका इलाज संभव नहीं होता और संक्रमित जानवर 72 घंटे के भीतर मर जाता है।
डॉक्टरों ने लोगों से अपील की है कि यदि किसी को रेबीज़ ग्रसित जानवर ने काटा है या खरोंच पहुंचाई है,
तो तुरंत अस्पताल जाकर एंटी-रेबीज़ इंजेक्शन लगवाएं और चिकित्सक की सलाह लें।
नगर निगम के दावों पर उठे सवाल
नगर निगम का दावा है कि शहर में आवारा मवेशियों को पकड़ने का अभियान लगातार जारी है,
लेकिन इस घटना ने इन दावों की हकीकत सामने ला दी है।
लगातार तीन दिनों तक एक रेबीज़ ग्रसित सांड का खुलेआम घूमना नगर निगम की लापरवाही को उजागर करता है।
स्थानीय नागरिकों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि निगम की निष्क्रियता के कारण यह स्थिति बनी।
एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, “अगर निगम ने पहले ही कार्रवाई की होती तो इतने लोग घायल नहीं होते। अब पकड़ने के बाद दिखावा किया जा रहा है।”
राहत की सांस, पर जिम्मेदारी जरूरी
फिलहाल राहत की बात यह है कि सांड को सुरक्षित पकड़ लिया गया है और क्षेत्र में शांति लौट आई है।
लेकिन यह घटना नगर निगम और पशु स्वास्थ्य विभाग दोनों के लिए एक चेतावनी है कि ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई आवश्यक है।
अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो यह किसी बड़ी अनहोनी का कारण बन सकता है।



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