कतरास में अवैध बालू के तस्करी और भंडारण से लोगों में रोष, पुलिस की कार्रवाई सीमित


नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के द्वारा बालू के उठाव पर पूर्ण रूप से लगी है रोक


कतरास: 08-02-2025
धनबाद जिले में अवैध कोयला , लोहा के साथ साथ बालू की अवैध रुप से तस्करी भी धड़ल्ले से हो रही है। कतरास थाना क्षेत्र में भी अवैध बालू का कारोबार रुकने का नाम नही ले रहा है। दिन प्रतिदिन बालू के अवैध खनन और भंडारण से लोगों में रोष बढ़ रहा है। लेकिन पुलिस प्रशासन इस पर रोकथाम करने में नाकाम दिखाई दे रहा है। कतरास के राहुल चौक में डॉक्टर पाड़ा के समीप और राहुल ऑटोमोबाइल के समीप अवैध रूप से बालू का भंडारण किया जा रहा है। वहीं थोड़ी दूर श्यामडीह के पास बाघमारा अंचल चित्रगुप्त महापरिवार ट्रस्टी मंदिर के सामने बड़े पैमाना पर बालू का भंडारण किया जा रहा है जिससे कई कायस्थों सहित अन्य लोगों में भारी रोष देखने को मिल रहा है। कतरास थाना ही नही बल्कि सोनारडीह, मधुबन, खरखरी, बरोरा, बाघमारा आदि क्षेत्र के सड़को में भी अवैध बालू से भरे ट्रैक्टर दौड़ते रहते हैं। मुख्य रूप से सवेरा होने से पहले अंधेरा में ही बालू लदा ट्रैक्टर अपने गंतव्य स्थान तक पहुंच जाता है तथा अंधेरे में ही जरूरतमंद को बालू मुहैया करा दिया जाता है। तेलमच्चो ब्रिज के पास दामोदर नदी से रोजाना लगभग 250 से 300 ट्रैक्टर बालू की तस्करी की जाती है। अवैध कारोबारी बिना डर या संकोच के नदी और खनिज क्षेत्र से बालू का अवैध खनन कर रहे हैं। यह कारोबार न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है और नदी में पानी के जलस्तर को नीचे धकेल रहा है। बल्कि सरकार को भी सरकारी राजस्व की भारी क्षति पहुंचा रहा है। वहीं बालू माफिया हर रोज लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं।  विभागीय पदाधिकारी के अनुसार बालू खनन के लिए अब तक टेंडर नहीं किया गया है। एनजीटी के द्वारा बालू के उठाव पर पूर्ण रूप से रोक लगाया गया है। उसके बावजूद भी आखिर किसके इशारे पर यह अवैध खनन और बालू की खुलेआम तस्करी की जा रही है यह समझ से परे है। बालू के अवैध खनन से नदी में जलस्तर तो नीचे जा ही रहा है साथ में कई पुलों का अस्तित्व भी खतरे में पड़ता दिखाई दे रहा है। ट्रैक्टर में बालू को बिना ढके ट्रांसपोर्टिंग से बालू सड़क पर गिरते हैं जो कि कई बार दुर्घटना का कारण भी बनते हैं। मामले में पुलिस की कार्रवाई बेहद सीमित और संकुचित प्रतीत होती है। कभी-कभार कुछ ट्रैक्टरों को पकड़ तो लिया जाता है लेकिन असली बालू माफिया को पकड़ने में पुलिस नाकाम साबित हो रही है।

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