म्युटेशन का आवेदन खारिज होने पर दोबारा आवेदन करने के प्रावधान के सवाल पर बाघमारा सीओ ने पत्रकार को कार्यालय आने को कहा
कतरास: 27-04-2025
बाघमारा सीओ बाल किशोर महतो एवं ग्राम स्वराज अभियान के तहत धरना दे रहे रैयतों के बीच का विवाद थमने का नाम नही ले रहा है। रैयत एक के बाद एक बाघमारा सीओ के विरुद्ध ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज किए जा रहे है। वहीं ऐसा प्रतीत होता है कि अंचल अधिकारी भी मामला को सुलझाने के पक्ष में नही है। इधर बाघमारा सीओ के कार्यशैली को लेकर ग्राम स्वराज अभियान के संस्थापक जगत महतो ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि म्युटेशन आदि मामले में पैसा ऐंठने के लिए बाघमारा सीओ दोहरी नीति अपनाते हैं।
मामले की जानकारी देते हुए जगत महतो ने बताया कि जिन लोगों के द्वारा रिश्वत नहीं दी जाती है उन लोगों का म्यूटेशन कोई न कोई बहाना करके खारिज कर दिया जाता है। बताया कि म्यूटेशन केस संख्या- 2315/2023-24 एवं 3393/2023-24 जिसे तत्कालीन सीओ रविभूषण प्रसाद ने रिजेक्ट कर दिया उसे वर्त्तमान सीओ बाल किशोर महतो ने म्यूटेशन केस संख्या 504/2024-25 एवं 1289/2024-25 बना कर स्वीकृत किया है I जबकि दुसरे जमीन क्रेता जिसका म्यूटेशन केस संख्या 1939 /2024-25 है को रिजेक्ट कर उसे DCLR के पास अपील करने का निर्देश दिया है, जबकि राजस्व कर्मचारी और अंचल निरीक्षक ने सीओ बाल किशोर महतो को इस म्यूटेशन वाद को स्वीकृत करने का अनुशंसा किया है। परन्तु सीओ ने अपने रिजेक्ट करने का कारण में स्पष्ट लिखा की राजस्व कर्मचारी और अंचल निरीक्षक के प्रतिवेदन के आधार पर रिजेक्ट किया जाता है I जगत ने आरोप लगाते हुए कहा कि रिश्वत देने वाले का काम तेज गति से 15 से 20 दिनों में ही निष्पादित किया जाता है। जो जमीन क्रेता सीओ को मोटी रिश्वत भेंट नहीं करता है, उसके मामले को लम्बे समय तक लटका कर रिजेक्ट कर देता है ताकि उसे डीसीएलआर के पास चक्कर काटने को मजबुर कर एक एक लाख रूपया का रिश्वत वसूला जा सकेI इस संबंध में श्री महतो ने मुख्यमंत्री को ई मेल कर बर्खास्त करने और उस पर विभागीय कार्यवाई करने का मांग किया है I
इस संबंध में जब बाघमारा सीओ से पूछा गया कि म्यूटेशन का आवेदन एक बार रिजेक्ट होने के बाद दोबारा आवेदन करने और स्वीकृत होने का क्या प्रावधान है, तो उन्होंने संतोषजनक जवाब नहीं देते हुए कहा कि कल कार्यालय आइए बताते हैं। अन्य आरोपों को उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया।
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