भारत वीरांगनाओं की भूमि है, ऑपरेशन सिंदूर इसका सबसे ताज़ा उदाहरण है- डॉ० पूजा
शनिवार को सरस्वती शिशु विद्या मंदिर बाघमारा में पुण्यश्लोका देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर मातृ सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या माताओं की सहभागिता रही। आगंतुक अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलन, सरस्वती वंदना एवं लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पार्चन के साथ कार्यक्रम प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए डाॅ.पूजा ने कहा समाज की दिशा और दशा मातृ शक्ति के द्वारा निर्धारित होती है। उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई भारत की एक ऐसी वीरांगना है, जो साहस, त्याग और समर्पण की देवी हैं। भारत भूमि वीरांगनाओं की भूमि है। ऑपरेशन सिंदूर भारत की वीरांगनाओं का एक अच्छा उदाहरण है। धनबाद जिला परिषद अध्यक्ष शायदा सिंह ने कहा कि अहिल्याबाई वह व्यक्तित्व है, जिनके बारे में जितना कहा जाए उतना कम है। हमें उनके चरित्र को आत्मसात करना चाहिए। माताएं ही हमारी सभ्यता एवं संस्कृति का पोषण तथा संवर्धन करती हैं। विद्या विकास समिति, झारखंड के प्रदेश मंत्री डॉ. ब्रजेश कुमार ने आशीर्वचन देते हुए कहा माताएं अपने घर का दायित्व पूर्ण कर समाज के लिए एक स्वस्थ नागरिक का निर्माण करती है। वे परिवार की रीढ़ होती है। माता ही अपने शिशुओं को शिक्षा, संस्कार, अनुशासन से सींचकर उन्हें इस योग्य बनाती है कि वह विकसित भारत का निर्माता बने।
कार्यक्रम के दौरान भैया-बहनों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम में समूह गीत, एकांकी व ऑपरेशन सिंदूर नाटक आदि भावपूर्ण प्रदर्शन कर माताओं एवं बहनों को भावविभोर कर दिया। मंच संचालन बहनों के द्वारा तथा धन्यवाद ज्ञापन विद्यालय की बालिका शिक्षा प्रमुख अनिता कुमारी के द्वारा किया गया। अतिथियों का परिचय विद्यालय प्राचार्य संतोष कुमार झा के द्वारा करवाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिला परिषद अध्यक्ष शारदा सिंह, विद्या विकास समिति, झारखंड के प्रदेश मंत्री ब्रजेश कुमार सिंह, सह प्रदेश मंत्री डॉ.पूजा, धनबाद विभाग के विभाग प्रमुख विवेक नयन पांडेय, विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के सचिव विनय कुमार पाण्डेय, कोषाध्यक्ष गोपाल अग्रवाल, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के धनबाद जिला के जिला संघचालक विशु रवानी एवं विभिन्न विद्यालयों से आए प्राचार्य उपस्थित थे।
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