अंचल कार्यालय बाघमारा में धरना दे रहे रैयतों ने बाघमारा सीओ बाल किशोर महतो का पुतला फूंका
कतरास धनबाद: पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मंगलवार को अंचल कार्यालय के समक्ष कई महीनो से धरना दे रहे पीड़ित रैयतों ने अंचल अधिकारी बाघमारा बाल किशोर महतो की कार्यशैली से आक्रोशित होकर उसका पुतला फूंक दिया। इस दौरान आक्रोशित ग्रामीणों ने बाघमारा सीओ के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्राप्त जानकारी के अनुसार पुतला दहन के दौरान अंचल अधिकारी बाल किशोर महतो अपने कक्ष में नही थे। हालांकि किसी भी प्रकार की विधि व्यवस्था की समस्या से निपटने के लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद दिखी।
बता दें कि पिछले तीन-चार महीना से जमीन का मापी करवाने, ऑनलाइन प्रविष्टीकरण करवान, लगान कटवाने आदि मामलों को लेकर दर्जनों रैयत धरना पर बैठे हुए हैं। रैयतों का कहना है कि वे लोग पिछले 6 महीना साल भर से लगातार अंचल कार्यालय के चक्कर लगा लगाकर थक चुके हैं, लेकिन ना तो उनकी समस्याओं को सुना जा रहा है और ना ही उनके मामलों का निष्पादन किया जा रहा है। अंचल के बिचौलियों के द्वारा काम करने के एवज में मोटी रकम की मांग की जाती है। देने में असमर्थ रहने के कारण उनका काम अब तक लंबित है। वहीं रैयतों ने आरोप लगाते हुए कहा कि बिचौलियों के माध्यम से जो आवेदन अंचल को प्राप्त होता है उसका निष्पादन करने में देरी नहीं किया जाता है। लेकिन हम गरीब लोग घूस देने में असमर्थ हैं, जिसके कारण हम लोगों का काम अब तक लंबित रखा गया है। इसी कारण विवश होकर पिछले तीन महीना से प्रत्येक मंगलवार को लगातार अंचल कार्यालय के समक्ष धरना देकर अपनी बातों को संबंधित विभागों और सरकार तक पहुंचा रहे हैं। लेकिन फिर भी अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रहा है। विवश होकर अंचल अधिकारी बाघमारा बाल किशोर महतो का पुतला दहन किया हूं। रैयतों ने चेतावनी देते हुए यह भी कहा कि जब तक उनकी समस्याओं का निष्पादन नहीं हो जाता है तब तक आंदोलन चलता रहेगा। जरूरत पड़ी तो आगे भी संबंधित अधिकारियों के साथ अंचल अधिकारी बाघमारा का फिर से पुतला दहन किया जाएगा।
इस संबंध में ग्राम स्वराज अभियान के संस्थापक जगत महतो ने कहा कि यदि जल्द ही धरना में बैठे ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया तो बाघमारा के गरीब और परेशान ग्रामीणों की आवाज झारखंड विधानसभा तक पहुंचाई जाएगी। कार्यक्रम में जागनी देवी, आरती देवी, लक्ष्मी देवी, मालती देवी, गांधारी देवी पार्वती देवी, लखी देवी, दिलीप कुमार महतो, मुसीब अख्तर खान, कमल महतो, विकास रजवार, रुपेश कुमार रवानी, प्रदीप रजवार, मणिलाल साव, बिंदेश्वर नापित, परमेश्वर महतो, नितेश कुमार, विक्की साव, प्रेम कुमार, रमेश महतो, शंकर महतो, विकास महतो, अजय महतो सहित बड़ी संख्या में महिलाएं भी थे ।


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