हैदराबाद में 400 एकड़ ज़मीन की अवैध कटाई पर घमासान, डीएमवीवी भारतीय महिला शक्ति फाउंडेशन के संस्थापक दुलाल मुखर्जी ने की घोर निंदा

हैदराबाद में 400 एकड़ ज़मीन की अवैध कटाई पर घमासान, डीएमवीवी भारतीय महिला शक्ति फाउंडेशन के संस्थापक दुलाल मुखर्जी ने की घोर निंदा

सरकार से की न्यायिक जांच एवं दोषियों पर सख़्त कार्रवाई की माँग

बिलासपुर, 8 अप्रैल 2025 –हैदराबाद के बाहरी इलाकों में 400 एकड़ ज़मीन की अवैध रूप से कटाई और कब्ज़ा किए जाने की घटना ने न सिर्फ स्थानीय लोगों में रोष पैदा किया है, बल्कि सामाजिक संगठनों को भी झकझोर कर रख दिया है। इस गंभीर मामले को लेकर डीएमवीवी भारतीय महिला शक्ति फाउंडेशन के संस्थापक एवं अध्यक्ष श्री दुलाल मुखर्जी ने सरकार और प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

श्री दुलाल मुखर्जी ने इस पूरे घटनाक्रम की घोर निंदा करते हुए इसे "जमीन माफियाओं और भ्रष्ट तंत्र की मिलीभगत का परिणाम" बताया। उन्होंने प्रेस को जारी बयान में कहा कि –

"400 एकड़ भूमि की अवैध कटाई सिर्फ एक ज़मीन का मामला नहीं है, यह भविष्य की पीढ़ियों के अधिकार, पर्यावरण संतुलन और क़ानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ है। यह निंदनीय और चिंताजनक है कि शासन और प्रशासन की आंखों के सामने यह सब कुछ हो रहा है।"

उन्होंने आगे कहा कि डीएमवीवी फाउंडेशन इस मुद्दे को लेकर बहुत गंभीर है और जल्द ही इस संबंध में राज्य सरकार, राजस्व विभाग एवं मानवाधिकार आयोग को एक ज्ञापन सौंपेगी, जिसमें निम्नलिखित प्रमुख माँगें की जाएंगी:

1. इस अवैध कटाई की न्यायिक जांच करवाई जाए।

2. जमीन माफियाओं और संलिप्त अधिकारियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख़्त कानूनी कार्रवाई हो।

3. जिस जमीन पर अवैध कब्जा हुआ है, उसे तत्काल सरकार के नियंत्रण में लेकर मूल स्वरूप में बहाल किया जाए।

4. स्थानीय ग्राम सभाओं और नागरिक समूहों को जागरूक कर इस प्रकार की गतिविधियों पर निगरानी का अधिकार दिया जाए।

श्री दुलाल मुखर्जी ने कहा कि उनकी संस्था देशभर में महिलाओं और ग्रामीण परिवारों को स्वावलंबी बनाने के लिए कार्य कर रही है, लेकिन इस तरह की घटनाएं विकास और विश्वास दोनों को नुकसान पहुंचाती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि फाउंडेशन इस मुद्दे को लेकर ज़रूरत पड़ी तो जन आंदोलन भी शुरू करेगी।

उन्होंने आम नागरिकों से भी अपील की कि वे अपनी ज़मीन, पर्यावरण और अधिकारों की रक्षा के लिए सतर्क रहें और ऐसे मामलों की सूचना तुरंत प्रशासन और सामाजिक संगठनों को दें।

अंत में उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार इस मामले में चुप्पी साधे रही, तो फाउंडेशन व्यापक स्तर पर जनसुनवाई और विरोध प्रदर्शन की योजना बनाएगी।



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