आरटीआई एक्टिविस्ट पंकज यादव ने उत्पाद सचिव मनोज कुमार पर लगाये भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप



मुख्य सचिव को पत्र लिखकर जेएसबीसीएल को बन्द कराने, उत्पाद सचिव को पद से हटाने एवं उसकी संपत्ति जाँच करने की मांग की

राँची: 30-05-2025
उत्पाद विभाग में मचा उत्पाद अब थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्व उत्पाद सचिव विनय चौबे सहित अन्य जेएसबीसीएल अधिकारीयों और कर्मियों को जेल भेजे जाने के बाद अब उत्पाद सचिव मनोज कुमार को पद से हटा कर उनके परिवार व सहयोगियों की संपत्ति की जांच  एसीबी से कराने की मांग की जा रही है। सेण्टर फॉर आरटीआई के अध्यक्ष पंकज कुमार यादव ने मुख्य सचिव अलका तिवारी को पत्र लिख कर राजस्व का नुकसान पहुंचाने वाले तथा गुणवत्ताहीन शराब सरकारी शराब दुकानों में पहुंचाने वाले जेएसबीसीएल को बंद करने की मांग की है। उत्पाद सचिव से लेकर जेएसबीसीएल के कॉन्ट्रैक्ट कर्मियों तक का इस भ्रस्टाचार में सम्मिलित होने की बात पत्र में कही गयी है। पंकज यादव ने पत्र में लिखा है कि झारखंड के उत्पाद विभाग में हुए 500 करोड़ से अधिक के हुए भ्रस्टाचार की ओर आकृष्ट कराना चाहता हूँ। इस विश्वास के साथ कि झारखण्ड के राजस्व व स्वास्थ के साथ खिलवाड़ करने वाले अधिकारी मनोज कुमार तथा उनके सहयोगी अधिकारी/पदाधिकरी, कर्मियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी।
जेएसबीसीएल का गठन झारखंड राज्य बिवरेजेज कार्पोरेशन द्वारा झारखण्ड राज्य में मदिरा के व्यवसाय पर कुछ गिने-चुने  व्यापारिक संगठनों के एकाधिकार को समाप्त करने, उपभोक्ताओं को उनकी माँग के अनुसार उचित  मूल्य पर शुद्ध एवं गुणवत्ता युक्त मदिरा उपलब्ध कराने एवं उत्पाद राजस्व में वृद्धि हेतु मदिरा के वितरण एवं थोक व्यवस्था के लिए झारखण्ड राज्य बिवरेजेज कार्पोरेशन लि0 का गठन किया गया था। परन्तु पिछले पांच सालों में जेएसबीसीएल भ्रस्टाचार का प्रोयगशाला बन कर रह गया है। यह संस्था ना सिर्फ झारखण्ड के राजस्व का नुकसान कर रहा है बल्कि झारखंड की जनता का किडनी - लीवर भी ख़राब कर रहा है। जेएसबीसीएल के टॉप अधिकारीयों की मदद से झारखंड के सरकारी दुकानों में गुणवत्ताहीन शराब की ताबरतोड़ बिक्री की गयी है। कई अवैध शराब फैक्ट्रियों में जेएसबीसीएल के अधिकारीयों की हिस्सेदारी है। मैनपॉवर प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा फर्जी बैंक गारंटी जमा कर जेएसबीसीएल का 100 करोड़ से अधिक की राशि गबन करने में भी जेएसबीसीएल के अधिकारीयों की मिलीभगत है। जेएसबीसीएल में कई अवैध शराब व्यपारी पर एफआईआर होने के बावजूद घुस लेकर एफआईआर को फाड़ देने की शिकायत हमारी संस्था को प्राप्त हुई जो जाँच में सपष्ट हो जायेगा। पूर्व विभागीय सचिव विनय चौबे तथा उत्पाद कमिश्नर गजेंद्र सिंह आज जेल के सलाखों के पीछे हैं। कई अधिकारी व कर्मी अभी भी एसीबी के रडार पर हैं। शराब घोटाले के जद में आये एक एजेंसी के प्रतिनिधि ने अपने कबूलनामे में यह कहा है कि वर्तमान उत्पाद सचिव मनोज कुमार के सहयोगी को वो प्रति माह पचास लाख रुपये देता था। 

 ये कबूलनामा सिर्फ एक एजेंसी के प्रतिनिधि की है। राज्यभर में टोटल छह प्लेसमेंट एजेंसी है और हर एजेंसी से लाखो रुपये की वसूली होती है। मनोज कुमार के कॉल डिटेल से अवैध शराब व्यवसाइयों तथा प्लेसमेंट एजेंसियों के मिली भगत का प्रमाण आसानी से मिल जाएगा। मनोज कुमार का भ्रस्टाचार से पुराना नाता रहा है। धनबाद के नगर आयुक्त रहते मनोज कुमार ने तीन करोड़ का भुगतान एक ठेकेदार को बिना कार्य किये कर दिया था। इस मामले में इनपर एफआईआर भी दर्ज हुई थी तथा वर्तमान में यह मामला कोर्ट में विचारधीन है। इस तरह उत्पाद सचिव मनोज कुमार ने करोड़ो की अवैध सम्पति अर्जित की है तथा अपने सगे सम्बन्धियों के नाम से इन्वेस्टमेंट की है। प्लेसमेंट एजेंसियों को मदद करने उन्हें अनुचित लाभ पहुंचाने तथा गड़बड़ी पकड़ आने के बावजूद एजेंसियों पर कार्रवाई ना करने के आरोप में मनोज कुमार समेत अन्य पर ऑनलाइन एफआईआर भी दर्ज है। पंकज ने अपने पत्र में लिखा है कि जेसबीसीएल के अधिकारीयों ने कैसे राजस्व की हानि पहुचायी और अपना फायदा पहुंचाया उसकी प्रति भी मैं संलग्न कर रहा हूँ। एसीबी के जाँच के जद में पूर्व विभागीय सचिव ,उत्पाद सचिव से लेकर कॉन्ट्रैक्ट कर्मी भी हैं जो भ्रस्टाचार में पूरी तरह से संलिप्त हैं। जेएसबीसीएल के अधिकतर अधिकारी/पदाधिकारी तथा कर्मी पर भ्रस्टाचार के दाग लग रहे हैं। क्योंकि जेएसबीसीएल उत्पाद विभाग को मॉनिटरिंग करने की  जगह खुद ब्यवसाय कर रहा है। नतीजा राजस्व की हानि तथा पैसो की बंदरबाट है।

जेएसबीसीएल को बंद कराने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाऊंगा: पंकज यादव


पंकज ने अपने पत्र के माध्यम से अलका तिवारी से राज्य हित  में मनोज कुमार को पद से हटाते हुए जेएसबीसीएल को बंद कराने की मांग की है। पंकज यादव ने बताया कि जेएसबीसीएल में बड़े पैमाने पर भ्रस्टाचार हुआ है और इसे बनाये रखना झारखण्ड के लिए खतरनाक है। इसलिए इसे बंद कराने के लिए मैं जल्द ही हाई कोर्ट जा रहा हूँ

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