गुहीबांध तालाब के अस्तित्व मिटाने की जिम्मेदारी निगम ने स्वयं ली, ट्रैक्टर व जेसीबी से तालाब में भर रहा है कचड़ा



कतरास: 05-06-2025
सैकड़ो वर्ष पुरानी गुहीबांध तालाब जो स्वयं अपने अस्तित्व के लिए खुद से संघर्ष कर रहा है और अपने अस्तित्व बचाए रखने के लिए नगर निगम से फरियाद कर रहा है। उस गुहीबांध तालाब के अस्तित्व को मिटाने के लिए कोई और नहीं बल्कि खुद नगर निगम ही जिम्मेदार है। जी बिल्कुल सही सुना आपने पढ़ने में यह अटपटा भले लग रहा हो लेकिन गुरुवार को जो हुआ उसको देखकर तो यही सच लग रहा है।

गुरुवार को नगर निगम के ट्रैक्टर एवं जेसीबी के द्वारा गुहीबांध तालाब के समीप पड़े हुए कचरे को समतल करने के नाम पर तालाब में ही गिरा कर भर दिया गया। इस कार्य में घंटे लगे लेकिन किसी भी सामाजिक कार्यकर्ता या जनप्रतिनिधि ने इसको लेकर आवाज नहीं उठाई। हालांकि कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गुहीबांध के अस्तित्व को बचाने के लिए कई बार सांसद, विधायक एवं नगर निगम से पत्राचार भी कर किया है। बता दे की गुहीबांध तालाब के इर्द-गिर्द सरकारी जमीन एवं तालाब को कुछ दबंग प्रवृत्ति के लोगों के द्वारा अतिक्रमण कर कब्जा कर लिया गया है। इस संबंध में नगर निगम के द्वारा कई बार कहा गया है कि नगर निगम प्रशासन के द्वारा गुहीबांध तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराया जायेगा एवं अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी तथा तालाब एवं सरकारी जमीन को भी कब्जा मुक्त कराया जाएगा। 

तालाब के सौंदर्यीकरण की भी बात कही गई थी। लेकिन यह सब ढाक के तीन पात साबित हुए। सौंदर्यीकरण कराने की बात तो दूर अब नगर निगम के द्वारा ही गुहीबांध तालाब को मिटाने का साजिश की जा रही है। हालांकि तालाब में मिट्टी क्यों भरा जा रहा था इसको लेकर अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन किसी अधिकारी से बात नहीं हो पाया। गुहीबांध तालाब की भराई से आसपास के कई लोग आक्रोशित भी हैं और इसके लिए पूर्ण रूप से नगर निगम को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। अब देखना है कि क्या सचमुच नगर निगम के द्वारा तालाब की सुनियोजित तरीके से भराई कर दी जाएगी या फिर तालाब भरने की हिमाकत करने वाले लोगों पर निगम अपना डंडा चलाएगा।

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