बिलासपुर के खरकेना में लगेगा बड़ा स्टील प्लांट! ग्रामीण बोले – अब बदल जाएगी किस्मत
बिलासपुर, 24 जुलाई 2025।
छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा आज ग्राम खरकेना में मेसर्स बिलासपुर माइनिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रस्तावित ग्रीनफील्ड स्टील प्लांट की स्थापना को लेकर एक महत्वपूर्ण लोक सुनवाई का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में ग्रामीण, जनप्रतिनिधि, पर्यावरणविद् और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि स्थानीय समुदाय इस परियोजना को लेकर सजग, जागरूक और अपनी भूमिका को लेकर गंभीर है।
इस लोक सुनवाई में क्षेत्र के ग्रामीणों ने विकास और पर्यावरण संतुलन को लेकर अपने-अपने विचार और सुझाव रखे। जहां कुछ ग्रामीणों ने पर्यावरणीय प्रभाव, जल संकट और खेती योग्य भूमि के संरक्षण पर सुझाव दिए, वहीं बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने इस परियोजना का स्वागत करते हुए कहा कि इससे क्षेत्र में औद्योगिक विकास को गति मिलेगी, स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा और गांव की सामाजिक व आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।
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प्रस्तावित स्टील प्लांट को लेकर लोगों में आशा की एक नई किरण नजर आई। ग्रामीणों का मानना है कि इस उद्योग की स्थापना से आसपास के गांवों में आधारभूत सुविधाएं जैसे सड़क, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता का स्तर बेहतर होगा। इसके अलावा, उद्योग के कारण स्थानीय स्तर पर छोटे व्यवसायों को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्त होगी।
इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री शिव कुमार बनर्जी ने भी ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा,
"आप सभी के विचार, सुझाव और आपत्तियां इस प्रक्रिया का अहम हिस्सा हैं। प्रशासन आपकी हर बात को गंभीरता से ले रहा है। पर्यावरणीय प्रभाव, सामाजिक सरोकार और क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए ही आगे का निर्णय लिया जाएगा। हमारा उद्देश्य है कि विकास भी हो और पर्यावरण भी सुरक्षित रहे। जनहित में जो भी सर्वोत्तम होगा, वही किया जाएगा।"
प्रशासनिक अधिकारियों ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि इस परियोजना को स्वीकृति प्रदान करने से पहले सभी पक्षों पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जाएगा। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि पर्यावरणीय प्रभाव, जल स्रोतों का संरक्षण, भूमि उपयोग, स्वास्थ्य सुरक्षा और सामाजिक प्रभाव जैसे सभी पहलुओं का गहराई से मूल्यांकन किया जाएगा और किसी भी प्रकार की अनदेखी नहीं की जाएगी।
लोक सुनवाई की प्रक्रिया ने यह सिद्ध किया कि जब आमजन को अपनी बात कहने का अवसर दिया जाता है, तो वे जिम्मेदारी से अपनी राय रखते हैं। ग्राम खरकेना के ग्रामीणों ने यह दिखाया कि वे केवल पर्यावरण के संरक्षक ही नहीं, बल्कि विकास के भागीदार भी बनना चाहते हैं।
इस आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि छत्तीसगढ़ का ग्रामीण समाज अब जागरूक है और वह चाहता है कि उसके क्षेत्र में भी उद्योग आएं, जिससे रोजगार, तरक्की और समग्र विकास हो। साथ ही, ग्रामीणों की सोच यह भी दर्शाती है कि वे पर्यावरण के संरक्षण को लेकर भी उतने ही गंभीर हैं।
इस लोक सुनवाई को जनभागीदारी और लोकतंत्र की सशक्त अभिव्यक्ति माना जा सकता है, जिसमें विकास और संरक्षण के बीच संतुलन बनाए रखने की परिपक्व सोच देखने को मिली। परियोजना से जुड़े सभी सुझाव, आपत्तियां और समर्थन को विधिवत रिकॉर्ड किया गया है, और आगामी निर्णयों में इन्हें आधार बनाकर निष्पक्ष और संतुलित निर्णय लिया जाएगा।
इस तरह ग्राम खरकेना में हुई यह लोक सुनवाई केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि विकास की दिशा में एक जिम्मेदार और जनसहभागी कदम सिद्ध हुई।


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