बिलासपुर में समस्याएँ ही समस्याएँ – आखिर कब होगा समाधान?
मंगलवार 02 सितंबर 2025 | संपादक– दुलाल मुखर्जी
बिलासपुर। कलेक्टर कार्यालय में आयोजित जनदर्शन एक बार फिर जनता की परेशानियों का आईना बनकर सामने आया। बड़ी संख्या में लोग अलग-अलग समस्याओं के साथ पहुंचे। सवाल उठता है कि क्या इन समस्याओं का कभी स्थायी समाधान होगा?
क्या ग्रामीण क्षेत्रों की मूलभूत समस्याएँ अनदेखी हो रही हैं?
जनदर्शन में कई पंचायतों के सरपंच प्रतिनिधि पहुंचे। उन्होंने बताया कि गांवों में पानी की किल्लत, नालियों की सफाई न होना और खराब सड़कों ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। क्या प्रशासन तक यह आवाज पहुँचने के बावजूद समाधान क्यों नहीं हो पा रहा?
आवास मित्रों ने कहा कि वे 8–9 महीने से आवास निर्माण की मॉनिटरिंग कर रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें प्रोत्साहन राशि नहीं मिली। क्या मेहनत से किया गया काम यूं ही अधर में अटका रहेगा?
क्या आदिवासी भूमि पर धोखाधड़ी रुकेगी?
तालापारा गांव के ग्रामीणों ने शिकायत की कि उनकी जमीन का गलत तरीके से नामांतरण कर विक्रय किया जा रहा है। क्या आदिवासी जमीन की सुरक्षा के दावे सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गए हैं?
क्या दृष्टिबाधित छात्रों को मिलेगा छात्रावास?
जमुना प्रसाद वर्मा कॉलेज के दृष्टिबाधित छात्रों ने कहा कि रहने की व्यवस्था न होने से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। सवाल उठता है कि क्या उच्च शिक्षा लेने का उनका सपना अधूरा रह जाएगा?
क्या स्मार्ट सिटी का सपना हकीकत बनेगा?
शहर के लोगों ने शिकायत की कि गड्ढों से भरी सड़कें, जाम की समस्या, नालियों से निकलती गंदगी और पानी की किल्लत ने हाल बेहाल कर रखा है। क्या इन हालात में बिलासपुर को वास्तव में स्मार्ट सिटी कहा जा सकता है?
जनता का सवाल – सुनवाई कब तक टलती रहेगी?
जनता का कहना है कि वे हर हफ्ते जनदर्शन में आते हैं, बार-बार ज्ञापन सौंपते हैं, लेकिन समस्याओं का निराकरण नहीं होता। आखिर कब तक जनता इसी आस में परेशान होती रहेगी?
जनदर्शन में मुद्दा ले कर पहुंचे प्रतिनिधि आवास मित्रों का। आवास निर्माण की मॉनिटरिंग करने वाले आवास मित्रों का कहना है कि 8–9 महीने से काम करने के बावजूद उन्हें प्रोत्साहन राशि नहीं मिली। जिला पंचायत के आदेश के बावजूद भुगतान नहीं होने से वे हताश हैं।
“लगातार मेहनत कर रहे हैं लेकिन महीनों से हमें एक रुपया भी नहीं मिला। बिना भुगतान के हम आगे काम कैसे करें?”
तालापारा गाँव के ग्रामीण भी भारी संख्या में कलेक्टर कार्यालय पहुँचे। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी आदिवासी ज़मीन पर गलत दस्तावेज़ बनाकर भू-माफियाओं को बेचा जा रहा है। ग्रामीणों ने तत्काल विक्रय रोकने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।
“यह ज़मीन हमारे पूर्वजों की है, फिर भी हेराफेरी करके भू-माफियाओं के हाथ बेची जा रही है। हम न्याय चाहते हैं।”
वहीं दृष्टिबाधित छात्रों ने भी प्रशासन के सामने अपनी समस्या रखी। उनका कहना है कि कॉलेज में पढ़ाई करने के लिए रहने की जगह नहीं है। छात्रावास की सुविधा न होने से वे नियमित क्लास नहीं अटेंड कर पा रहे।
“हम पढ़ाई करना चाहते हैं लेकिन रहने की जगह न होने से बहुत परेशानी हो रही है। आश्रयदत्त कर्मशाला छात्रावास में जगह दी जाए।”
जनदर्शन में इन तीन बड़ी समस्याओं के साथ-साथ पानी, सड़क और नाली जैसी शिकायतें भी उठीं। लोग कहते हैं कि वे बार-बार ज्ञापन सौंपते हैं लेकिन कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं। जनता के इन सवालों से अब प्रशासनिक व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है।
जनता बार-बार अपनी समस्याएँ रख रही है, ज्ञापन सौंप रही है लेकिन समाधान की गाड़ी अब तक अटकी हुई है। अब देखना होगा कि बिलासपुर प्रशासन कब तक इन मुद्दों पर ठोस कदम उठाता है।




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