अरपा अर्पण महाअभियान “जन आंदोलन” ने नगर निगम आयुक्त से की बड़ी मांग — STP चालू करने और पुलों में जाली लगाने की अपील
बिलासपुर। अरपा अर्पण महाअभियान “जन आंदोलन” ने अरपा नदी में रुके हुए पानी के कारण बढ़ रहे जल एवं वायुमंडलीय प्रदूषण पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए नगर निगम बिलासपुर आयुक्त से तत्काल कदम उठाने की मांग की है। आंदोलन की ओर से प्रतिनिधि मंडल ने आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर एसटीपी (STP) को सक्रिय करने व सभी पुलों में जाली लगाने की आवश्यकता पर बल दिया।
आंदोलन के अध्यक्ष श्याम मोहन दुबे ने जानकारी दी कि जूना बिलासपुर व शिवघाट सरकंडा में एनीकट निर्माण शुरू होने के बाद से ही संगठन लगातार सुझाव और निवेदन करता आ रहा है कि अरपा नदी का पानी तभी साफ रहेगा जब उसका प्रवाह जारी रहे।
रेत खनन के बाद नदी में सिर्फ मिट्टी बच गई है और शहर की नालियों का गंदा पानी सीधे नदी में छोड़ा जा रहा है, जिससे हालात और गंभीर होते जा रहे हैं।
पानी काला हुआ — बदबू और कचरे से नदी नाले का रूप ले रही
रामसेतु क्षेत्र से गुजरते समय भीषण बदबू महसूस होती है। अरपा का पानी काला और कचरा युक्त हो चुका है और वही स्थिति आगे चलते हुए शनिचरी एनीकट से शिवघाट एनीकट तक जलकुंभी के विस्तार के रूप में गंभीर रूप धारण करने वाली है।
गंदे व रुके पानी में मच्छरों के लार्वा तेज़ी से पनपने की संभावना है, जिससे डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ना तय है।
बोरिंग का सोर्स भी हुआ दूषित — स्वास्थ्य संकट बढ़ने की आशंका
दुबे ने बताया कि बिलासपुर के अधिकांश नलकूप व बोरिंग अरपा नदी के जलस्रोत पर निर्भर हैं, इसलिए नदी का दूषित पानी भू-स्तर में मिलकर बोरिंग के माध्यम से लोगों के घरों तक पहुंच रहा है। इस स्थिति से आने वाले दिनों में डायरिया और पेट से संबंधित बीमारियों का प्रकोप बढ़ सकता है।
STP ही एकमात्र समाधान — आंदोलन की मांग
अध्यक्ष ने कहा कि अरपा मैया को स्वच्छ रखने और बिलासपुर वासियों को स्वस्थ रखने के लिए STP को तुरंत संचालन में लाना अत्यंत आवश्यक है।
साथ ही 06 नवंबर 2025 के पत्र क्रमांक 20 का हवाला देते हुए मांग की गई कि सभी पुलों में जाली लगाकर लोगों को नदी में कचरा फेंकने से रोका जाए।




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