सचिव संघ ने लगाए वसूली के आरोपों को बताया झूठा और निराधार, ढाबा संचालिका के आरोप बेबुनियाद – पंचायत सचिव संघ का पलटवार
बिलासपुर | 1 सितम्बर 2025 रतनपुर की ढाबा संचालिका द्वारा पंचायत सचिव और उनके साथियों पर लगाए गए वसूली के आरोप को पंचायत सचिव संघ ने पूरी तरह झूठा और निराधार बताया है। सचिव संघ का कहना है कि यह सचिवों की छवि खराब करने और हाईवे पर चल रहे मवेशी प्रबंधन कार्य में बाधा डालने की साजिश है।
हाईवे से मवेशी हटाने का जिम्मा सचिवों पर
सचिव संघ ने बताया कि शासन और उच्च न्यायालय के आदेश पर पंचायत सचिव, रोजगार सहायक और इंजीनियरों को देर रात तक नेशनल हाईवे से मवेशी हटाने की जिम्मेदारी दी गई है। इस काम को सचिव लगातार कर रहे हैं, जिसके चलते दुर्घटनाओं में काफी कमी आई है।
26 अगस्त की रात सचिवों की टीम जब रहंगी गौठान में नगर निगम की गाड़ी से मवेशी ले जा रही थी, तभी कुछ स्थानीय लोगों और छुटभैया नेताओं ने पहुंचकर गाली-गलौज की। स्थिति बिगड़ने पर सचिवों ने तत्काल जनपद पंचायत सीईओ और 112 पुलिस को बुलाया। पुलिस की मौजूदगी से मामला शांत हुआ, लेकिन सचिवों का कहना है कि यदि समय पर प्रशासन नहीं आता तो गंभीर घटना हो सकती थी।
ढाबा संचालक से भी हुआ विवाद
28 अगस्त की रात सचिवों की टीम वेंलतरा नेशनल हाईवे पर अभय ढाबा के पास 40-50 मवेशी हटा रही थी। सचिवों का कहना है कि उन्होंने ढाबा संचालक को केवल यह समझाइश दी कि ढाबे के पास का कचरा और भोजन मवेशियों को आकर्षित करता है, इसलिए सफाई रखें। इसी दौरान ढाबा संचालिका ने ऊंची आवाज में बहस की और सचिवों पर झूठा आरोप लगाते हुए धमकी दी कि उन्हें केस में फंसाऊंगी।
सचिव संघ का पक्ष – वसूली का आरोप बेबुनियाद
संघ का कहना है कि ढाबा संचालिका द्वारा 1.20 लाख रुपये वसूली का आरोप पूरी तरह मनगढ़ंत है। सचिव संघ ने सवाल उठाया कि “कोई भी व्यक्ति इतनी बड़ी रकम बिना रसीद के क्यों देगा?” सचिवों ने यह भी बताया कि उनके द्वारा ढाबे पर केवल एक नोटिस चस्पा किया गया था, जो उच्च अधिकारियों के निर्देश पर किया गया था।
सचिव संघ ने जताई आशंका
संघ का कहना है कि यह पूरा मामला सचिवों की ईमानदार ड्यूटी को बदनाम करने और उन्हें दबाव में लाने की कोशिश है। सचिवों को आशंका है कि भविष्य में भी ऐसे झूठे आरोप लगाकर उन्हें परेशान किया जाएगा।
सचिव संघ की मांग
सचिवों ने पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और झूठी शिकायत करने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो। साथ ही सचिव संघ ने यह भी स्पष्ट किया है कि वे केवल सुरक्षा के साथ ही आगे मवेशी प्रबंधन का काम करेंगे। यदि बिना सुरक्षा उन्हें ड्यूटी करनी पड़ी और कोई घटना घटती है, तो इसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
अब देखना होगा कि पुलिस प्रशासन इस प्रकरण में किस तरह से जांच करता है और सचिवों को राहत दिलाने के लिए क्या कदम उठाता है।


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