उप संचालक कृषि अधिकारी पर गंभीर आरोप, विभाग में हड़कंप

उप संचालक कृषि अधिकारी पर गंभीर आरोप, विभाग में हड़कंप


मुंगेली से रजनीश सिंह की खास रिपोर्ट 

मुंगेली – जिले के कृषि विभाग में उप संचालक कृषि अधिकारी एम.आर. तिग्गा पर गंभीर आरोप लगने से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। जिले के समस्त कृषि अधिकारियों और कर्मचारियों ने सामूहिक रूप से कृषि मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन, रायपुर को ज्ञापन सौंपकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि उप संचालक द्वारा अमर्यादित व्यवहार, महिला कर्मचारियों के प्रति अपमानजनक टिप्पणियाँ, गाली-गलौच और दबावपूर्ण कार्य कराए जाने जैसी घटनाएँ होती रही हैं।

01 अक्टूबर की घटना बनी विरोध का कारण

ज्ञापन में बताया गया कि 01 अक्टूबर 2025 को विभागीय अधिकारी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए उप संचालक से मिलने गए, लेकिन अधिकारी ने उनके सामने अपशब्दों का प्रयोग करते हुए गाली-गलौच और धमकी भरे शब्दों से अपमान किया। इससे पूरा स्टाफ मानसिक रूप से आहत हो गया।

पहले भी की गई शिकायत, नहीं हुआ सुधार

ज्ञापन में उल्लेख है कि यह कोई पहली घटना नहीं है। 03 जनवरी 2025 को भी इसी प्रकार की शिकायत कलेक्टर मुंगेली से की गई थी, लेकिन उच्च अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

महिला कर्मचारियों के प्रति अपमानजनक व्यवहार

ज्ञापन में यह भी बताया गया कि उप संचालक महिला कर्मचारियों के प्रति अपमानजनक भाषा और व्यक्तिगत टिप्पणियाँ करते हैं। एक महिला कर्मचारी को भोजन अवकाश के दौरान अपने शिशु को स्तनपान कराने पर कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया। इससे विभाग में महिला कर्मचारियों में गहरा आक्रोश है।

शासकीय नियमों की अनदेखी और प्रशासनिक गड़बड़ी

कर्मचारियों का कहना है कि उप संचालक लिपिक वर्गीय कर्मचारियों से नियमों के विपरीत कार्य करवाते हैं। शासकीय वाहन का निजी उपयोग, सरकारी राशि से निजी वाहन की मरम्मत और पेट्रोल भरवाने जैसी गतिविधियाँ भी नियमित रूप से की जा रही हैं। साथ ही दैनिक वेतनभोगी कंप्यूटर ऑपरेटरों को बिना कारण हटाने के आदेश दिए जा रहे हैं, जिससे विभागीय कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

“दिल्ली तक चले जाओ, कोई मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता”

ज्ञापन में उप संचालक के कथन का जिक्र भी किया गया है, जिसमें उन्होंने कर्मचारियों को धमकाते हुए कहा कि “जिसके पास जाना है, चले जाओ, दिल्ली तक चले जाओ, कोई मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता।” इस कथन से विभागीय माहौल भयभीत और तनावपूर्ण हो गया।

कर्मचारियों की चेतावनी – कार्रवाई नहीं तो आंदोलन

कर्मचारियों ने स्पष्ट किया है कि यदि उप संचालक के विरुद्ध शीघ्र स्थानांतरण और अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं हुई, तो वे कार्य बहिष्कार और आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि स्थिति की जिम्मेदारी शासन और प्रशासन पर होगी।

विभागीय कार्य प्रभावित, शासन स्तर पर जांच की संभावना

सूत्रों के अनुसार, कई कर्मचारी अब उप संचालक के साथ कार्य करने से इंकार कर चुके हैं। कार्यालय का वातावरण असहज और तनावपूर्ण है। इस मामले में महिला सम्मान और कर्मचारी गरिमा की रक्षा के लिए कृषि मंत्री से कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है। माना जा रहा है कि मामला राज्य स्तर तक पहुँच सकता है और शासन स्तर पर इसकी विस्तृत जांच की संभावना है। 

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